इलेक्ट्रिक या विद्युत शक्ति में एसी और डीसी दो पर्याय प्रमुख है। शायद आप नहीं जानते होंगे कि एसी यानी ऑल्टरनेट करंट का आविष्कार निकोल टेस्ला ने किया था।

गांधीजी एक अच्छे इनसान थे और मानव-कल्याण के लिए एक आशीर्वाद थे। उनकी विद्युत उत्पादन और वितरण के क्षेत्र में एसी प्रणाली की खोज ने लेजर, एक्स-रे, रडार, वायरलेस कम्युनिकेशन (संचार), रोबोटिक टेक्नोलोजी (प्रौद्योगिकी) इत्यादि के विकास को जन्म दिया। उनका उद्देश्य कभी भी अपने आविष्कारों से लाभ उठाना नहीं था। उन्होंने पर्यावरण की भी काफी परवाह की जिसका ऊर्जा के क्षेत्र में टिकाऊ समाधानों को प्राप्त करने के लिए उन्होंने की मेहनत से पता चलता है।

10 जुलाई 1856 को ऑस्ट्रियाई साम्राज्य (वर्तमान क्रोएशिया) के स्माइलन गांव में निकोल टेस्ला का जन्म हुआ था। उनके पिता मिलुतिन टेस्ला एक पुरोहित थे। टेस्ला के नाना भी पुजारी थे और वे शिल्प उपकरण तथा यांत्रिक उपकरणों के कारीगर होने के साथ-साथ सर्बियाई महाकाव्य की कविताओं के गायक भी थे। टेस्ला ने अपनी विलक्षण स्मृति और रचनात्मक क्षमताओं का श्रेय अपने नाना को दिया था।

टेस्ला ने 1870 के दशक में इंजीनियरिंग और भौतिकी की उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने 1880 के दशक में टेलीफोनी और कॉन्टिनेंटल एडीसन में काम किया। नए विद्युत ऊर्जा उद्योग के क्षेत्र में उन्होंने व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। वे 1884 में अमेरिका चले गए और वहाँ की नागरिकता प्राप्त कर ली। वहाँ उन्होंने न्यूयॉर्क शहर में एडीसन मशीन वर्क्स में थोड़े समय के लिए काम किया। फिर साझेदारों की मदद से अपने विचारों को मूर्त रूप देने तथा इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल उपकरणों की एक शृंखला विकसित करने के लिए कई प्रयोगशालाओं और कंपनियों की स्थापना की। 1888 में वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक द्वारा लाइसेंस प्राप्त करके, उनके अल्टरनेट करेंट (एसी) इंडक्शन मोटर और उससे जुड़े पॉलीफेस एसी पेटेंट से उन्होंने काफी धन कमाया। पॉलीफेस सिस्टम ही फिर उनकी कंपनी की प्रमुख आय का आधार बन गया।

पेटेंट और बाजार में आविष्कार विकसित करने का प्रयास करते हुए टेस्ला ने मैकेनिकल ऑसीलेटर/जेनरेटर, इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज ट्यूब और प्रारंभिक एक्स-रे इमेजिंग के क्षेत्र में कई प्रयोग किए। उन्होंने एक वायरलेस नियंत्रित नाव भी बनाया, जो पहले कभी नहीं प्रदर्शित हुआ था। टेस्ला अपनी युवावस्था में ही एक आविष्कारक के रूप में अच्छी तरह से स्थापित हो चुके थे। सार्वजनिक व्याख्यानों में भी उनकी बातों को ध्यान से सुना जाता था।

अल्टरनेटिंग करेंट उत्पन्नए करने के बेहतर तरीके प्राप्त करने की कोशिश करते हुए टेस्ला ने एक स्टीम संचालित विद्युत जनरेटर विकसित किया। इसे उन्होंने 1893 में पेटेंट कराया। उसी वर्ष शिकागो वर्ल्ड के कोलंबियाई प्रदर्शनी में उसे प्रदर्शित भी किया। 

1898 में टेस्ला ने एक नाव का प्रदर्शन किया जिसमें कोहेरर पर आधारित एक रेडियो नियंत्रण का उपयोग किया गया था – जिसे उन्होंने मैडिसन स्क्वायर गार्डन में एक विद्युत प्रदर्शनी के दौरान टेलॉटोमैटन कहा था। प्रथम विश्व युद्ध तक और बाद में, जब तक कि कई देशों ने अपने सैन्य कार्यक्रमों में इसका इस्तेमाल नहीं किया, तब तक यह दूरस्थ रेडियो नियंत्रण एक नवीन तकनीक बना रहा।

अपने 50वें जन्मदिन पर 1906 में, टेस्ला ने 200 हॉर्स पावर (150 किलोवाट) और 16,000 आरपीएम वाले ब्लेडलेस टरबाइन प्रदर्शित किया। न्यूयॉर्क में वाटरसाइड पावर स्टेशन पर 1910-1911 के दौरान, उनके कई त्रुटिहीन टरबाइन इंजनों का परीक्षण 100-5,000 हॉर्स पावर पर किया गया था।

टेस्ला हर दिन सुबह नौ बजे से शाम छह  बजे तक काम करते थे। अभ्यास के लिए, टेस्ला प्रति दिन 13 से 16 किलोमीटर चला करते थे। वे रोजाना रात को अपने पैर की उंगलियों को एक सौ बार घुमाया करते थे और कहते थे कि यह कार्य उनके मस्तिष्क की कोशिकाओं को उत्तेजित करता है। टेस्ला का मानना था कि सभी मौलिक कानूनों को एक किया जा सकता है।

टेस्ला अपने जीवन के अंतिम दिनों में शाकाहारी बन गए थेय़ फिर वे केवल दूध, रोटी, शहद तथा सब्जी के रस पर रहा करते थे। टेस्ला ने अनगिनत किताबें पढ़ीं। उनमें से कई किताबें उन्हें पूरी तरह याद थीं। कहा जाता है कि उनकी मेमोरी फोटोग्राफिक थी। साथ ही, वह एक बहुभाषी भी थे और आठ भाषाओं को बोल सकते थे—सर्बो-क्रोएशियाई, चेक, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, हंगेरियन, इतालवी और लैटिन। सात जनवरी 1943 को 86 वर्ष की आयु में टेस्ला न्यू यॉर्कर होटल के कक्ष संख्या 3327 में उन्होंने अंतिम सांस ली।

मांगरोल मल्टीमीडिया ऐसे कर्मपुरुष को सदा स्मरण करता रहेगा।

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